Gotra / गोत्र

गोत्र

18 गोत्र का इतिहास: प्रतापनगर के राजा बल्लभ के ज्येष्ठ पुत्र अग्रसेन का जन्म द्वापर युग के अंतिम चरण में हुआ था। अग्रसेन ने 18 बच्चों को जन्म दिया, जिनसे अग्रवाल गोत्र अस्तित्व में आए। तब अग्रसेन ने अपने राज्य को अपने 18 बच्चों के बीच विभाजित करने का फैसला किया, इसके परिणामस्वरूप अठारह अग्रवाल गोत्र हुए।


Gotra (English) गोत्र (hindi) मूल गोत्र भगवान सेंट (गुरु) वेद शाखा सूत्र
Airan/Aeron एयरन / एरोन और्वा इन्द्रमल अत्रि/और्वा यजुर्वेद: मध्यादिनी/माधुरी कात्यायनी
Bansal बंसल वात्स्या वीरभान विशिष्ट/वत्स सामवेद: कौथमी/कौथमी गोभिला
Bindal or Vindal बिंदल या विंदल विशिष्ट वृन्ददेव यवस्या या वशिष्ठ यजुर्वेद: माधुरी कात्यायनी
Bhandal भंडाल धूम्या वासुदेव भारद्वाज यजुर्वेद: मध्यादिनी या माधुरी कात्यायनी
Dharan or Deran धरान या डेरानी धन्यासी धवनदेवी भेकर या घुम्या यजुर्वेद: माधुरी कात्यायनी
Garg or Gargeya गर्ग या गार्गेया गर्गस्या पुष्पदेव गर्गाचार्य या गर्ग यजुर्वेद: माधुरी कात्यायनी
Goyal, Goel or Goenka गोयल, गोयल या गोयनका गोमिली गेंडुमल गौतम या गोभी यजुर्वेद: माधुरी कात्यायनी
Goyan, Gangal गोयन, गंगा गौतन गोधरी पुरोहित या गौतम यजुर्वेद: मध्यादिनी या माधुरी कात्यायनी
Jindal जिंदल जेमिनो जैत्रसंघो बृहस्पति या जैमिनी यजुर्वेद: मध्यादिनी या माधुरी कात्यायनी
Kansal कंसल कौशिक मणिपाल कौशिक यजुर्वेद: मध्यादिनी या माधुरी कात्यायनी
Kuchhal, Kuchchal कुच्छल, कुच्छली कश्यप करनचंदो कुश या कश्यप सामवेद: कोसामी या कौत्थम कोमली
Madhukul/Mudgal मधुकुल/मुद्गल मुदगल माधवसेना आश्वलायन/मुद्गल ऋग्वेद/यजुर्वेद सालाया/साकल्या असलयिन
Mangal मंगल मांडवी अमृतसेन मुद्रगल/मांडव्य ऋग्वेद/यजुर्वेद सकल्य असूसाल
Mittal मित्तल मैत्रेय मंत्रपति विश्वामित्र/मैत्रेय यजुर्वेद: मध्यादिनी/माधुरी कात्यायनी
Nangal/Nagal नंगल/नागला नागेन्दो नरसेव कौडल्या/नागेंद्र सामवेद: कौथमी/कौथमी असलयिन
Singhal/Singla सिंघल/सिंगल शांडाल्य सिंधुपति श्रृंगी/शांडिल्य सामवेद: कोयुमी/कौथम गोभिला
Tayal तायल तैतिरेया ताराचंदो साकल/तैतरेय यजुर्वेद/क्रि मध्यादिनी/आष्टम्भी कात्यायनी
Tingal/Tunghal तिंगल/तुंघाल तांडवी तंबोलकर्ण शांडिल्य / तांड्या यजुर्वेद: मध्यादिनी/माधुरी कात्यायनी